-अशोक पाण्डेय
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कलियुग के पूर्ण दारूब्रहृम भगवान जगन्नाथ वास्तव में हृदयेश्वर हैं। अगर इस सच्चाई को स्पष्ट रूप से देखना हो और अनुभव करना हो तो आगामी 27 जून को श्रीपुरी धाम में अनुष्ठित होने वाली उनकी विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा को देखें। उस दिन माया (मैं और मेरा व तुम और तुम्हारा) समाप्त हो जाएगी और समस्त जगत हृदयेश्वर की जय-जयकार करेगा।उस दिन वे नयनपथगामी बनकर सभी का कल्याण करेंगे।
अनुभूति: अशोक पाण्डेय