Header Ad

Categories

  • No categories

Most Viewed

भगवान शिव ने अपने धनुष का त्याग क्यों किया?

-अशोक पाण्डेय.

—————-
धनुष अहंकार का प्रतीक है.
मनुष्य में जन्म के समय और मरण के समय तक अहंकार नहीं होता है. भगवान शंकर ने जब त्रिपुरा सुर का वध किया तो धनुष को छोड दिया तब धनुष ने शिवजी से पूछा कि उसका क्या होगा? तब शिवजी ने कहा कि मैं तुम्हे छोड सकता हूं लेकिन तुम्हें जड से समाप्त स्वयं श्रीराम ही करेंगे और यह काम समय आने पर श्रीराम ने धनुष भंगकर किया. राजा जनक के सीता स्वयंवर में जब श्रीराम ने शिवजी के धनुष को बीच से तोडने का कारण पूछा तो श्रीराम ने कहा कि मनुष्य के जीवन और मरण के समय अहंकार नहीं होता है. अहंकार केवल जीवन के मध्य में ही होता है. मान्यवर धनुष अहंकार है और उसके मध्य से तोडने का संदेश जीवन से अहंकार का त्याग है. इसलिए आप भी अहंकार न रखें न पालें! अहंकार का त्याग भी करें!
-अशोक पाण्डेय

    Leave Your Comment

    Your email address will not be published.*

    Forgot Password