-अशोक पाण्डेय
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यारों,यह मतलब की दुनिया है। इस दुनिया में जगन्नाथ भगवान को छोड़कर किसी पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता है।सच ही कहा गया है:
“मतलब की इस दुनिया में कौन किसका होता है?
धोखा वहीं देता है जिस पर भरोसा होता है।”
मित्रों, भरोसा ठीक उसी प्रकार होता है जैसे आंख बंद करके किसी जलाशय में कूद जाना।आप जिस परिवार में रहते हैं उस परिवार के सभी सदस्यों पर भरोसा करना चाहिए। यह बात परिवार के सभी के लिए आवश्यक है। गुरु नानक देव जी ने जगन्नाथ जी पर भरोसा किया और बालू से भरे बड़दाण्ड पर श्रीमंदिर से जल सबके सामने ही आ गया।
-अशोक पाण्डेय
