संकलन कर्ता: अशोक पाण्डेय
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“भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं है,
यह जीता- जागता राष्ट्र पुरुष है।
ये वंदन की धरती है,
ये अभिनंदन की धरती है।
ये अर्पण की भूमि है,ये तर्पण की भूमि है।
इसकी नदी -नदी
हमारे लिए गंगा है,
इसका कंकर -कंकर
हमारे लिए शंकर है।
हम जिएंगे तो इस भारत के लिए
और मरेंगे तो इस भारत के लिए।
और मरने के बाद भी
गंगा जल में बहती हुई
हमारी अस्थियों को
कोई कान लगाकर सुनेगा
तो एक ही आवाज आएगी:
“भारत माता की जय!”
भारत के स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी
जन्म: 25 दिसंबर,1924
मृत्यु: 16 अगस्त,2018
