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भुवनेश्वर बिस्वास की ओर से स्थानीय बालीयात्रा कुआखाई छठ घाट पर अस्ताचलगामी सूर्यदेव को दिया गया पहला सायंकालीन अर्घ्य

भुवनेश्वरः07 नवंबरःअशोक पाण्डेयः
भुवनेश्वर बिस्वास की ओर से स्थानीय मंचेश्वर बालीयात्रा कुआखाई छठ घाट पर अस्ताचलगामी सूर्यदेव को चार दिवसीय छठ महापर्व के तीसरे दिवस पर पहला सायंकालीन अर्घ्य दिया गया। अर्घ्य देनेवालों में भुवनेश्वर महानगरनिगम की महापौर तथा कुछ अन्य महिला पार्षद थीं। गौरतलब है कि पिछले 23 वर्षों से बिस्वास भुवनेश्वर यह सामूहिक आयोजन करते आ रहा है दबकि तीन वर्षों से बिस्वास भुवनेश्वर इसी छठ धाट पर सामूहिक अर्घ्य कराता है। इस वर्षः2024 में नये अध्यक्ष इंजीनियर राजकुमार सिंह की अगुआई में सैकड़ों छठव्रतियों वे सायंकालीन अर्घ्य दिया।छठ के घाट पर जल साफ था। साफ-सफाई अच्छी थी। पार्किंग की व्यवस्था अच्छी थी तथा जल में सुरक्षा के अच्छे इंतजाम थे।छठ के घाट सुंदर तरीके से बनाये गये थे। वस्त्र परिवर्तन आदि की व्यवस्था उच्च कोटि की थी। उस भव्य आयोजन में स्थानीय प्रशासन,पुलिस तथा राज्य आपदा मोचन बल आदि का भी पूर्ण सहयोग था। सबसे रोचक बात यह देखने को मिली कि कुछ छठव्रती अपने घर से जमीन पर लेट-लेटकर भूईंपरी करते हुए छठ घाट पर आकर अस्ताचलगामी भगवान सूर्यदेव,छठ परमेश्वरी तथा देवी प्रत्युषा को सायंकालीन अर्घ्य दिया। अपने संबोधन में मेयर सुलोचना दास ने बिस्वास भुवनेश्वर को प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष तथा आनमेवाले वर्षों में भी पूर्ण सहयोग देने का भरोसा जताया। स्वागत की औपचारिकता अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने निभाई जबकि बिस्वास भुवनेस्वर की नव गठित महिला वींग ने मेयर सुलोचलना दास के साथ फोटो खिचवाया।ऐसी मान्यता है कि आरोग्य,खुशहाली,सदाचार के लिए यह चार दिवसीय छठ महार्व भुवनेश्वर में भी पूरे विधि-विधान के साथ मनाया जाता है। अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने आगामी दिवस अर्थात् 08 नवंबर को भोर में पांच बजे सभी छठव्रधारियों के साथ-साथ सभी हितैषियों से भी किया है कि वे आकर भोर का अर्घ्य दें तथा छठ का ठेकुआ प्रसाद ग्रहण करें।कार्यक्रम का संचालन अशोक पाण्डेय ने किया।
-अशोक पाण्डेय

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