










जिसके प्रति सभी का आदर-सम्मान,आत्मीयता और श्रद्धा हैं,जो आज भी भारतीय शाश्वत संयुक्त परिवार के यथार्थ सह आदर्श रुप में मुखिया हैं,जो प्रतिदिन यज्ञ करते और कराते हैं,जो भगवान जगन्नाथ,महाप्रभु लिंगराज,जो श्रीश्याम खाटूवाले के अनन्य भक्त हैं,जो एक आदर्श पिता,एक आदर्श पति,एक आदर्श भाई,एक आदर्श चाचा,एक आदर्श मित्र तथा जो एक सफलतम निःस्वार्थ समाजसेवी हैं वे हैं चौधरी सुरेश अग्रवालजी जिन्हें लोग आत्मीयतावश सुरेश चाचा कहकर पुकारते हैं। कृषिप्रधान प्रदेश राजस्थान के पैतृक गांवःतारागंज,जिलाः चुरु के वे मूल निवासी हैं। वे एक आध्यात्मिक पुरुष हैं जो लंबे समय से ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थाई रुप से रहते हैं। चौधरी सुरेश अग्रवाल एक सुयोग्य पिता स्वर्गीय इंदरचंद्र अग्रवाल तथा माताश्री स्वर्गीया जानकी देवी के एक सुयोग्य संतान हैं। उनके बड़े भाई स्वर्गीय भंवरलालजी अग्रवाल तथा उनकी भाभी स्वर्गीया विमला देवी आज भी किसी परिचय के मुंहताज नहीं हैं।समाजसेवा तथा धार्मिक संस्कार उनकी अनूठी पहचान थी। चौधरी सुरेश अग्रवाल की कुल सात बहनें तथा सात जीजाजी हैं। उनकी सात फुआ और सात फूफाजी हैं। सुरेश चाचाजी के तीन बेटे-बहुएं क्रमशः मनीष-रचना,आशीष-ईशा और गोविन्दा-दीप्ति हैं।उनके संयुक्त परिवार की रौनक क्रमशः श्रीया और श्रेष्ठ,श्रेयांश और आरुषी और गीतिका और वेदिका जैसे संस्कारी बाल-गोपाल से ही है। चौधरी जी के घर की बहुएं और बच्चे सुबह उठकर अपने-अपने दैनिक कार्यों से निव-त्त होकर जब पूजा करने श्रीश्याममंदिर जाते हैं तो देखकर सभी का मन आनंद से भर उठता है। सच कहा जाय तो चौधरी सुरेश अग्रवाल पूरी तरह से एक व्यावहारिक व्यक्ति हैं,मित्र हैं और सहयोगी हैं। जिस व्यावहारिकता की बात हमने अपने धर्मशाश्त्रों के अध्ययन से जानी वह अनुभव व्यावहारिक रुप में चौधरी सुरेश अग्रवाल के आत्मीय व्यवहार में पाया। अस्सी के दशक से लेकर आजतक जितने भी मारवाड़ी सोसायटी भुवनेश्वर के विशालतम मारवाड़ी होली बंधुमिलन हुए,प्रतिवर्ष श्रीपुरीधाम भगवान जगन्नाथ की विश्वप्रसिद्ध रथयात्रा जगन्नाथभक्त सेवा शिविर लगा,बोलबम कांवड़िया सेवा हुई,श्रीश्याम फाल्गुनी महोत्सव अनुष्ठित हुए सभी में चौधरी सुरेश अग्रवाल की भूमिका अभूतपूर्व और सराहनीय रही। अपने जन्मदिन पर चौधरी सुरेश अग्रवाल का एक ही संदेश है कि हमें अपनी मारवाड़ी अस्मिता को हर कीमत पर बचाए रखना चाहिए। हमें आज के संक्रमणकाल में भी अपने मारवाड़ीसंयुक्त परिवार को बचाए रखने की आवश्यकता है। हम चाहे ओड़िशा में रहें अथवा भारत के किसी भी प्रदेश में रहें हमें उस प्रदेश की भाषा,संस्कृति तथा वहां के रीति-रिवाज को भी महत्त्व देना चाहिए। हमसभी महाराजा अग्रसेन के वंशज हैं इसका हमें हमेशा ख्याल रखना चाहिए। आज 23 जुलाई को बहुआयामी प्रतिभासंपन्न चौधरी सुरेश अग्रवाल के जन्मदिन पर भगवान जगन्नाथ,महाप्रभु लिंगराज तथा बाबा खाटू नरेश से एक ही प्रार्थना है कि वे निःस्वार्थ समाजसेवी तथा आध्यात्मिक पुरुष चौधरी सुरेश अग्रवाल को शतायु बनाएं तथा उनके खुशहाल संयुक्त परिवार को सभी प्रकार का ऐश्वर्य प्रदान करें।









