तुम ग़ज़ल बन गईं, गीत में ढल गईं,
मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहा।
–डॉ.कुमार विश्वास नाईट 21दिसंबर को
भुवनेश्वरः15दिसंबरःअशोक पाण्डेयः
मारवाडी सोसायटी,भुवनेश्वर के दूरदर्शी अध्यक्ष संजय लाठ के कुशल नेतृत्व में –डॉ.कुमार विश्वास नाईट 21दिसंबर को स्थानीय रेलवे ऑडीटोरियम,मंचेश्वर में सायंकाल होने जा रहा है।गौरतलब है कि डॉ. कुमार विश्वास आज के हिन्दी कविताजगत के चमकते सितारे हैं।हरेक युवादिलों की धडकन हैं। उनकामूल नाम विश्वास कुमार शर्मा है। फेसबुक पर चाहनेवालों की संख्या करीब 78लाख है।52वर्षीय डॉ.कुमार विश्वास की कुछ चुनींदा कविताओं में हैं–
तुम ग़ज़ल बन गईं, गीत में ढल गईं,
मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहा।
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कुछ छोटे सपनों के बदले,
बड़ी नींद का सौदा करने,
निकल पड़े हैं पांव अभागे,
जाने कौन डगर ठहरेंगे।
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अभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मुहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा
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आज की तारीख में हिन्दी कविता मंच के सबसे व्यस्ततम कवियों में से एक हैं- डॉ.कुमार विश्वास जिनके भुवनेश्वर आगमन से राजधानी भुवनेश्वर का युवादिल उनकी सस्वर कविताएं सुनकर निश्चित रुप से प्रसन्न हो जाएगा ।वहीं मारवाडी सोसायटी,भुवनेश्वर जो लगभग छह दशकों से इस जनपद की निःस्वार्थ सेवा करती आ रही है(1965 से मारवाडी पंचायत,भुवनेश्वर के रुप में तथा 2000 से पंजीकृत संस्था मारवाडी सोसायटी,भुवनेश्वर के रुप में) उस संस्था के अध्यक्ष संजय लाठ ने अपने समस्त सहयोगियों के विचारों का सम्मान करते हुए यह ऐतिहासिक निर्णय लिया कि भुवनेश्वर में फैली वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमणकाल से इस जनपद को तनावमुक्त करने के लिए उनको 21दिसंबर को स्थानीय रेलवे ऑडीटोरियम,मंचेश्वर में सायंकाल डॉ.कुमार विश्वास नाईट का लुफ्त उठाने का बेहतरीन मौका सोसायटी की ओर से उपलब्ध कराया जाय।विराट हिन्दी कवि सम्मेलन आयोजित कराया जाय। और आनन फानन में कुमार विश्वास नाईट के आयोजन का ऐतिहासिक निर्णय सोसायटी ने सामूहिक रुप से ले लिया।अब इंतजार 21दिसंबर की शाम का है जब दुनिया के सबसे बडे लोकप्रिय हिन्दीकवि डॉ.कुमार विश्वास अपनी कविताओं के माध्यम से भुवनेश्वर जनपद के लोगों को किस अंदाज में और कितना आनंदित कर पाते हैं।
-अशोक पाण्डेय