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राजधानी भुवनेश्वर में दो दिवसीय शटडाउन का पहला दिन पूरी तरह से सफल रहा

वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर का दुष्प्रभाव  पूरे भारत समेत  लगभग 10 राज्यों में  अत्यंत भयावह रहा। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में  कोरोनावायरस संक्रमण का कहर हरतरह से दुखदाई सिद्ध हुआ।   24 अप्रैल भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में स्पष्ट नजर आया। भुनेश्वर में एक तरह से दहशत का माहौल नजर आया। 23 अप्रैल की शाम भुवनेश्वर के सभी बाजारों में इतनी भयावह  देखी गई जिसकी की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। लोग एक दूसरे पर जैसे चढ़कर अपने दैनिक आवश्यकताओं की चीजें खरीदने में बेफिक्री से लगे हुए हों। जगह- जगह भुनेश्वर के चौराहों पर जाम नजर आया।  पुलिस प्रशासन की ओर से भरसक स्थिति को काबू में करने का भरपूर प्रयास किया गया फिर भी 23 अप्रैल की शाम के लगभग 9:00 बजे तक स्थिति भयावह रही। 24 अप्रैल आज सुबह ठीक 5:00 बजे से लेकर 8:00 बजे तक की स्थिति पूरी तरह से खामोशी और उदासी की नजर आई । सभी सड़कें  वीरान नजर आई ।कहीं-कहीं लोग इक्का-दक्का ही नजर आये।भुनेश्वर के अनेक पेट्रोल पंपों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। पुलिस अपनी तैयारी में जुटी थी कि कैसे दिन भर सुरक्षा के लिए वे भगवान जगन्नाथ की कृपा से मुस्तैद हो सकें और राजधानी भुनेश्वर में अमन चैन बहाल हो सके। कोरोनावायरस की दूसरी लहर से लोगों को बचाया जा सके।अनावश्यक रूप से सड़कों पर आने -जाने वाले लोगों को कैसे रोका जाए । भुवनश्वर के सभी अपार्टमेंट में भी सन्नाटा पसरा हुआ था। पहली बार ऐसा महसूस हुआ फिर भुनेश्वर वासी अपनी व्यक्तिगत नैतिक जिम्मेदारी को समझ कर अपने अपने घर में ही रहे और धीरज और आत्मविश्वास के साथ आने वाले कल के दिन की प्रतीक्षा करते रहे जिससे कि भगवान जगन्नाथ की कृपा से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की मार कम से कम भुवनेश्वर वासियों पर पड़े‌।
अशोक पाण्डेय

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