कथाव्यास ने नवधाभक्ति पर सारगर्भित प्रवचन दिया
भुवनेश्वरः25जुलाईःअशोक पाण्डेयः
भुवनेश्वर, हरिबोल परिवार द्वारा आयोजित 09 दिवसीय रामकथा केसातवें दिवस पर कथाव्यास ने नवधाभक्ति पर सारगर्भित प्रवचन दिया।उन्होंने बताया कि पहली बार किसी पहली आदिवासी भक्तिन शबरी को श्रीराम ने 9 प्रकार की भक्ति जैसेः श्रवण, कीर्तन, स्मरण,पादसेवन, अर्चन, वंदन,दास्य,सखा तथा आत्मनिवेदन जैसी भक्ति के विषय में बताया जिनके क्रमशः आदर्श रहे परीक्षित, शुकदेव, प्रह्लाद, लक्ष्मी, पृथु,अक्रुर,हनुमान,अर्जुन और बलि। उन्होंने यह भी बताया कि एक भक्त की भक्ति उस मछली की तरह होती है जिसे जल से निकाल देने से वह मर जाती है ठीक उसीप्रकार एक भक्त के जीवन में राम की भक्ति होती है,सभी देवी-देवताओं की भक्ति होती है।कथा आयोजक हरिबोल परिवार भुवनेश्वर की श्रीमती सुशीला गुप्ता ने अपनी अन्य भक्त सहेलियों के साथ कथाक्रम में प्रसंगानुसार लीन होकर खुशी के साथ नृत्य-गायन करतीं नजर आईं।गौरतलब है कि यह कथा 19जुलाई को आरंभ हुई और 27जुलाई को कथाव्यास गिरिधर गोपाल शास्त्री द्वारा विराम लेगी।सच कहा जाय तो पुरुषोत्तम मास में आयोजित इस रामकथा के श्रवण हेतु कटक,जटनी,पुरी तथा भुवनेश्वर के सैकडों रामभक्त प्रतिदिन कथास्थल स्थानीय तेरापंथ भवन आते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ कथाश्रवण करते हैं।
अशोक पाण्डेय