-अशोक पाण्डेय
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बचपन में मेरी स्वर्गीया मां रामदुलारी देवी हमेशा कहा करती थी कि बेटा ऐसे आदमी का मुंह देखकर स्कूल जाना जिससे तुम को स्कूल में पढ़ने में मन लगे और तुम तीन-तीन किलोमीटर पैदल चलकर जो पढ़ने के लिए दुल्हपुर जाते हो उसमें कोई बाधा न आये। आज मैं यह महसूस करता हूं कि असाधारण व्यक्ति के चेहरे पर और उसकी मुस्कराहट में सकारात्मकता ऊर्जा का संचार अनवरत होते रहता है। हो सकता है कि यह मेरी व्यक्तिगत अनुभूति हो लेकिन सच्चाई यह है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के साथ-साथ भारत के स्वर्गीय प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी के चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती थी।
मान्यवर, दूसरों की बात छोड़ दें,आपके सत्कर्म से आपके चेहरे से सदैव सकारात्मक ऊर्जा निकलेगी और आप हमेशा प्रसन्नता का अनुभव करेंगे।
-अशोक पाण्डेय