विश्वामित्र जी ने श्रीराम से कहा कि श्रीराम के अंदर तो ज्ञान बहुत है लेकिन उनको अपनी शक्ति का अहसास नहीं हो रहा है. इसलिए श्रीराम ने बल की साधना की.फिर वे सबल हुए. इसके लिए श्रीराम ने शिव अभिषेक भी किया. जैसा कि सभी जानते हैं कि दस हजार बाल सूर्यों का तेज है शिवशंकर में.
शिवभक्तों, आपभी शिवकृपा से अपनी शक्ति को पहचानें!
🙏जय जगन्नाथ!🙏









