Header Ad

Categories

  • No categories

Most Viewed

“व्यक्ति की चाल आवश्यकता से अधिक धन आने पर बदलती है।”

-अशोक पाण्डेय

——————–
आज एकादशी है। आज हम चर्चा धन के ऊपर करेंगे। धन अर्थात् संपत्ति, दौलत और पैसा जब व्यक्ति के पास आवश्यकता से अधिक आ जाता है तो उसकी चाल पूरी तरह से बदल जाती है। हजारों -लाखों में से एक -दो ही ऐसे होते हैं जो उस धन का सदुपयोग करते हैं। उन पैसों से आध्यात्मिक आयोजन करते-कराते हैं। धन आने पर मनुष्य या तो कंजूस हो जाता है नहीं तो विलासी जीवन जीने लगता है। ऐसे में, अपनी अकड़ को बदल कर विनम्र बनने की आदत डाल देनी चाहिए।
-अशोक पाण्डेय

    Leave Your Comment

    Your email address will not be published.*

    Forgot Password