-अशोक पाण्डेय
———————-
शाश्वत सत्य बात शत्रु और मित्र के विषय में यह है कि हमारा अहंकार ही हमारा सबसे बड़ा शत्रु है और हमारा विवेक ही हमारा सबसे बड़ा मित्र हैं। अब आइए जानते हैं कि दैनिक जीवन के शत्रु और मित्र कौन हैं? जो हमारे साथ हमेशा रहकर भी जो हमें छल करे वह हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है। जो हमारी कमजोरियों को समय-समय पर बताए वही हमारा सच्चा मित्र है। कुल मिलाकर इस जगत में मित्र कम हैं परन्तु शत्रु बहुत हैं । ऐसे में सभी को खुश करने की मनोवृत्ति भी ठीक नहीं हैं।
-अशोक पाण्डेय
