मर्मज्ञ अशोक पाण्डेय
भुवनेश्वरः21नवंबरः
ओडिशा के जाने-माने उद्योगपति तथा पूरी तरह से आध्यात्मिक जीवन जीनेवाले श्री सुरेन्द्र कुमार डालमिया ने अपना जन्मदिन ,21नवंबर को अपने ही निवास स्थल ओमनिवास पर पूरी तरह से आध्यात्मिक तरीके से मनाया जिनके ओमनिवास पर आमंत्रित सभी हनुमानभक्तों के गले में श्रीराम का अंगवस्त्र था तथा हाथों में हनुमान चालीसा गुटका। सभी कथा व्यास के साथ सुर में सुर मिलाकर लगातार तीन घण्टे तक सुन्दरकाण्ड अखण्ड पाठ किया।21नवंबर को सुबह ओमनिवास पर सबसे पहले देवपूजन हुआ उसके उपरांत आचार्य सत्येन्द्र प्रकाश शास्त्री के कुशल नेतृत्व में भुवनेश्वर की नामी श्रीरामचरितमानस अखण्ड संगीतमय सुन्दर काण्ड मण्डली द्वारा सुन्दर काण्ड पाठ आयोजित हुआ जिसमें डालमिया ओमपरिवार के श्री सुरेन्द्र कुमार डालमिया,श्रीमती साधना डालमिया,श्री विकाश डालमिया,श्रीमती लता डालमिया,श्री सुरेन्द्र डालमिया के सभी पांचों भाइयों का परिवार,श्री अजय केजरीवाल,श्री संजय केजरीवाल,श्रीमती नेहा अग्रवाल,श्रीमती शारदा खेरिया तथा सपरिवार डा रमेश गोयनका आदि उपस्थित होकर सुन्दरकाण्ड पाठ में हिस्सा लिये। गौरतलब है कि श्री रामचरितमानस का पाठ अपने आपमें ही सभी प्रकार के भव-बंधनों से मुक्ति प्रदान करनेवाला माना जाता है। रामचरितमानस पारिवारिक संबंधों के समन्वय का सच्चा संदेशवाहक सद्ग्रंथ है और उस श्री रामचरितमानस का सुन्दरकाण्ड तो सबसे अधिक फलदायक होता है। जाने-माने रामकथा मर्मज्ञ अशोक पाण्डेय ने बताया कि वे तो ओमनिवास को सदा एक सनातनी मंदिर मानकर नित्य वहां जाया करते हैं जहां पर साल के 365दिन नित्य भजन-पूजन और भण्डारा चलता है। उनके अनुसार समाज के सभी बडे-बुजुर्गों को अपना जन्मदिन अपने घर पर ही पूरे आधात्मिक माहौल में श्री सुरेन्द्र कुमार डालमिया के जैसा ही मनाना चाहिए। अपने जन्मदिन पर श्री सुरेन्द्र कुमार डालमिया ने बताया कि उनको आज उनके जन्मदिन पर पूरे भारत से अपने स्वजनों और शुभचिंतकों आदि से बहुत बधाइयां मिलीं हैं लेकिन जो खुशी आज के दिन स्वयं उनको सुंदरकाण्ड पाठ करके मिली वह अत्यंत आनन्ददायक रही। आयोजन को सफल बनाने में पूरा ओमनिवास विशेषकर आर्यमन डालमिया तथा ओमनिवास पर तैनात सभी का रहा। 2021 वर्ष के अंत में यह आयोजन सचमुच यादगार रहा।
अशोक पाण्डेय
श्रीरामचरितमानस अखण्ड सुन्दर काण्ड पाठ आयोजित “जन्मदिन मनायें तो उद्योगपति तथा आध्यात्मिक पुरुष श्री सुरेन्द्र कुमार डालमिया जैसा ही मनायें ।“-रामकथा
