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“संबंध”

विश्लेषक:
-अशोक पाण्डेय
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‘संबंध’ वह मानवोचित सद्गुण है जो इस सृष्टि को अनादि काल से एक -दूसरे के साथ जोड़े हुए है। जैसे: प्रकृति का मानव के साथ संबंध,मानव के साथ प्रकृति का संबंध, ईश्वर का भक्त के साथ संबंध, भक्त का ईश्वर के साथ संबंध, गुरु का शिष्य के साथ संबंध, शिष्य का गुरु के साथ संबंध, राजा के साथ प्रजा का संबंध, प्रजा का राजा के साथ संबंध, पत्नी के साथ पति का संबंध, पत्नी का पति के साथ संबंध,भाई का बहन के साथ संबंध,बहन का भाई के साथ संबंध,भाई का भाई के साथ संबंध, व्यक्ति का परिवार के साथ संबंध,समाज का राष्ट्र के संबंध और मानव का मानव के साथ सुमधुर संबंध अनादि काल से एक -दूसरे से पूर्ण विश्वास के साथ जोड़े हुए है लेकिन बड़े ही दुख की बात आज यह स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है कि आज वही मधुर संबंध शक,संदेह और अविश्वास का रुप ले चुका है जिसके कारण पूरी सृष्टि और सम्पूर्ण मानवता विनाश के कगार पर खड़ी हो चुकी है। ऐसे में, प्रत्येक व्यक्ति को आपसी संबंधों को सही रूप में अपनाना होगा।
-अशोक पाण्डेय

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