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सुनने में थोडा अटपटा अवश्य लगेगा कि हमसभी
युगपुरुष कैसे हैं?
तो जानिए-
इस मृत्युलोक में नारायण ने सभी में कोई न कोई विशिष्ट गुण देकर भेजा है.
इसलिए आप अपने भय को साहस में बदलें, दुःख को सुख में बदलें और निराशा को आशा में बदलें!
अपने अपने दायित्व का आत्मविश्वास, सत्यनिष्ठा तथा ईमानदारी से करें!
हारे को हरिनाम!









