-अशोक पाण्डेय
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जीवन में मजबूरी का भी अपना विशेष महत्त्व है। एक नदी में अचानक बाढ़ आई। नदी के आसपास के जितने भी जीवधारी जानवर थे जैसे: सांप, बिच्छू,गोजर आदि अपने -अपने प्राण बचाने के लिए नदी के तट पर खड़े विशाल बरगद के पेड़ पर शरण ले लिए। बाढ़ का पानी लगातार एक सप्ताह तक उन जानवरों के जीवन को प्रभावित करता रहा। उस वक्त की सबसे अनोखी बात यह देखी गई कि कोई जानवर एक सप्ताह तक एक- दूसरे पर आक्रमण नहीं किये। लेकिन जैसे ही बाढ़ का पानी कम हुआ। सभी पेड़ से नीचे उतरे और अपने -अपने स्वभाव के अनुसार एक- दूसरे पर आक्रमण करने लगे। मित्र, मजबूरी भी क्या है!
-अशोक पाण्डेय