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साहित्य अर्पण कार्यक्रम:मुनिश्री जिनेश कुमार जी भुवनेश्वर

आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तथा तेरापंथ सभा के तत्वावधान में साहित्य अर्पण समारोह का आयोजन तेरापंथ भवन भुवनेश्वर में किया गया। डाक्टर अभिन चन्द्र होमियो पैथिक मेडीकल कालोज लायब्रेरी को टिटिलागढ के डा०सत्यनारायण जैन द्वारा तीन सौ अधिक होमियो पैथिक चिकित्सा पद्धति से संबंधित साहित्य अर्पित किया गया। इस समारोह का विषय पहला सुख निरोगी काया रखा गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मैडिकल कालेज की प्रिंसीपल प्रोफेसर विजयालक्ष्मी विसोयी विशेष रूप से उपस्थित थी । मुख्यवक्ता डाक्टर सत्यनारायण जैन थे। इस अवसर पर कालेज प्रोफेसर छात्र छात्राएं व सभा जनों की अच्छी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का शुभारंभ बाल मुनि कुणाल कुमार जी के मंगलाचरण से हुआ ।स्वागत भाषण तेरापंथ सभा के अध्यक्ष बच्छराज बेताला ने दिया। प्रिंसीपल व मुख्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा शरीर धर्म साधना का ही नहीं अपितु समग्र साधना का प्रमुख अंग है। सु स्वास्थ्य से ही साधना संभव है ।स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है | निरोगी काया ही मानव की सबसे बड़ी व अमूल्य संपदा है। स्वास्था ही धन है। संसार का सबसे बड़ा धनी वह है जो स्वस्थ तन व स्वस्थ मन का स्वामी है। आज इन्सान सब कुछ प्राप्त कर भी आनंद शांति का जीवन नहीं जी पा रहा है। क्योंकि उसके पास निरोगी काया, सधा हुआ मन और शांत वूत्तियों का वैभव नहीं है। हित, मित ऋतु के अनुसार भोजन करता है वह स्वस्थ रहता है। जिसके विचार पवित्र होते हैं, नशा मुक्त जीवन जीता है उपशंभ व श्रम की साधना करता है, उसे निरोगी काया प्राप्त हो सकती है। डाक्टर सत्यनारायण जैन एक श्रद्धानिष्ठा श्रावक हैं। उनका यह साहित्य संग्रह विधार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध आभार तेरापंथ सभा के मंत्री पारस सुराणा वह संचालन मुनि परमानंद जी ने किया साहित्य अर्पण कॉलेज को किया टाइप खेताराम कासीद

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