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“हमारे पिछले गलत कर्म बार -बार विवश करते हैं‌ हमें प्रायश्चित करने के लिए “

-अशोक पाण्डेय

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प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे और बुरे कर्म करता है। लेकिन वह यह भूल जाता है कि उसके पिछले बुरे कर्म जीवन भर उसका पीछा नहीं छोड़ते हैं। वह चाहे जितना भी पूजा -पाठ कर ले। दान -पुण्य कर ले। यज्ञ आदि करा ले। एक बात अवश्य जानें कि प्रायश्चित अगर आप अपनी भूलों के लिए,पाप कर्मो के लिए और गलत आचरण के लिए कर लेते हैं तो उसका लाभ आपको अवश्य मिलेगा ।मान्यवर, प्रायश्चित करने की आदत डालें जैसे कैकेई ने किया! माफी मांगना आपके व्यक्तित्व की शोभा है। प्रायश्चित करना ही आपको महान् बनाएगा।
-अशोक पाण्डेय

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