-अशोक पाण्डेय,पिताजी
आज 24सितंबर,2021 है। आज ही के दिन मेरे छोटे बेटे आनन्द का जन्म 1986 में मेरी कर्मस्थली,मेघाहातुबुरु,सिंहभूमि,बिहार प्रांत में हुआ। अब वह स्थान झारखण्ड में है। आनन्द के जन्म के समय मैं भुवनेश्वर में था क्योंकि प्रोमोशन पाकर मैं भुवनेश्वर आ गया था। कुछ दिनों के उपरांत मेरा पूरा परिवार मेरी पत्नी श्रीमती आशा पाण्डेय,बडा बेटा अनुप तथा नवजात शिशु आनन्द भुवनेश्वर आये। आनन्द का नामांकन मैंने स्थानीय काण्वेंट स्कूल के नर्सरी कक्षा में कराया। पांच साल पूरे होने पर मैंने आनन्द को केन्द्रीय विद्यालय नं.1,यूनिट-9,भुवनेश्वर में कक्षा पहली में नामांकन कराया। आनन्द को पढाई के साथ-साथ संगीत से काफी लगाव था। 1999 में मेरी पोस्टिंग मास्को में हो गई। अनुप-आनन्द दोनों मास्को केन्द्रीय विद्यालय से पढे। अनुप वहां से बारहवीं किया तथा आनन्द वहां से दसवीं। आनन्द को कैशियो बजाने का बडा शौक था जिसके चलते उसे मैंने काफी महंगा कैशियो खरीदकर उसे दिया। आनन्द मास्को राजदूतावास के 26जनवरी तथा 15अगस्त के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कैशियों प्लेकर सभी को मुग्ध कर देता था। अपने डेपुटेशन के उपरांत 2002 में आनन्द का नामांकन ग्यारहवीं विज्ञान में मैंने केन्द्रीय विद्यालय नं.1,यूनिट-9,भुवनेश्वर में कराया। सीबीएसइ से विज्ञान में बारहवीं करने के उपरांत आनन्द उत्त्कल विश्वविद्यालय से बीबीए किया। उसके उपरांत कीट डीम्ड विश्वविद्यालय से एमबीए कर आनन्द अनेक निजी कंपनियों में मैनेजर का काम किया। उसका विवाह मैंने 2015 में करा दिया। आनन्द की पत्नी श्रीमती ज्योति पाण्डेय हाईली एडुकेटेड है। पहले कालेज में पढाती थी लेकिन सुपुत्री कश्वी के जन्म के उपरांत उसने शिक्षणकार्य छोड दिया। आनन्द फिलहाल कांगों में कार्यरत हैं एक भारतीय फारमास्यूटिकल कंपनी में। सच कहूं तो अपने अर्थाभाव के कारण आनन्द को भी मैं और अधिक पढा न सका। इस बात का मुझे बहुत दुख है। एक सुखी गृहस्थ-जीवन में आनन्द-ज्योति,पति-पत्नी के मध्य प्रेम की प्रधानता मैंने देखी। आपसी सूझबूझ तथा समन्वय पाया। कहते हैं कि चारों ऐश्वर्यों अर्थ,धर्म,काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए गृहस्थ-जीवन सर्वश्रेष्ठ है। यह एक उत्तम शिक्षालय तथा परीक्षालय भी है। वैवाहिक सुख का आधार आपसी समझदारी होती है जो आनन्द-ज्योति में है। आनन्द-ज्योति की सुपुत्री कश्वी पूरे अशोक पाण्डेय-परिवार की प्राण है। आनन्द के जन्मदिन पर उसके पिताजी अशोक पाण्डेय अर्थात् मैं अपनी ओर से हैप्पी बर्थडे टू माई सन आनन्द अवश्य कहना चाहूंगा।
-अशोक पाण्डेय
हैप्पी बर्थडे टू माई सन आनन्द
