श्रीरामचरितमानस आज की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए भी वह अमर दस्तावेज है जिसमें एक तरफ मर्यादा और आदर्श का निरुपण श्रीरामचरितमानस महाकाव्य के नायक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के सम्पूर्ण जीवन के व्यावहारिक जीवन के वर्णन से गोस्वामी तुलसीदास जी ने किया है वहीं मानस में वर्णित श्रीराम का आदर्श चरित्र आज की शिक्षा और चरित्र निर्माण के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शक हैं। ‘मानस’ के द्वारा वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश भी तुलसीदास जी ने दिया है। आइए,समय निकालकर पुरी धाम चलें और मशहूर रामकथा व्यास पूज्य श्री रामशंकर दास वेदांती के श्रीमुख से श्री नीलाद्रि भक्त निवास में दिनांक:3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक अवश्य श्रवण करें!
-अशोक पाण्डेय
