-व्यक्तिगत सोच: अशोक पाण्डेय की। ——————— त्रेतायुग से यह यथार्थ और अनुकरणीय आदर्श व्यवस्था भारत में रही है और भारत
-अशोक पाण्डेय ——————— आज राजस्थान दिवस है। राजस्थान वीरों की पावन भूमि है। राजस्थान किसानों की कर्म भूमि है। राजस्थान
भुवनेश्वर,30 मार्च, अशोक पाण्डेय: हिन्दू नववर्ष, चैत्र नवरात्र और राजस्थान दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय तेरापंथ भवन में भुवनेश्वर जयसर
-अशोक पाण्डेय ——————— हमारा मन बहुत चंचल है। यह एक ही साथ पूरी दुनिया की भी सैर करा सकता है।मन
-स्वतंत्र विचार: अशोक पाण्डेय का। ———————- “शंकर तेरी जटा से निकली है गंगधारा।”यह सच है कि गंगा भारतवर्ष की पवित्रत
-अशोक पाण्डेय त्रेता युग से ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भारत की आत्मा तथा भारतीय अस्मिता के जीवंत प्रमाण हैं। श्रीरामचन्द्र
-अशोक पाण्डेय ———————- ओड़िशा प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जहां पर मंदिरों की संख्या बहुत अधिक है। यहां के अधिकांश
-अशोक पाण्डेय ——————— प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे और बुरे कर्म करता है। लेकिन वह यह भूल जाता है
अशोक पाण्डेय वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया शंख क्षेत्र पुरी धाम में अक्षय तृतीया के रुप में अनुष्ठित
-अशोक पाण्डेय ———————- बचपन में मेरी स्वर्गीया मां रामदुलारी देवी हमेशा कहा करती थी कि बेटा ऐसे आदमी का मुंह