-स्वतंत्र विचार: अशोक पाण्डेय का। ———————- “शंकर तेरी जटा से निकली है गंगधारा।”यह सच है कि गंगा भारतवर्ष की पवित्रत
-अशोक पाण्डेय त्रेता युग से ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भारत की आत्मा तथा भारतीय अस्मिता के जीवंत प्रमाण हैं। श्रीरामचन्द्र
-अशोक पाण्डेय ———————- ओड़िशा प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जहां पर मंदिरों की संख्या बहुत अधिक है। यहां के अधिकांश
-अशोक पाण्डेय ——————— प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे और बुरे कर्म करता है। लेकिन वह यह भूल जाता है
अशोक पाण्डेय वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया शंख क्षेत्र पुरी धाम में अक्षय तृतीया के रुप में अनुष्ठित
-अशोक पाण्डेय ———————- बचपन में मेरी स्वर्गीया मां रामदुलारी देवी हमेशा कहा करती थी कि बेटा ऐसे आदमी का मुंह
भुवनेश्वरःअशोक पाण्डेयः यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा कि 1992-93 ओड़िशा को प्रगतिपथ पर आगे बढ़ाने में सहायक हैं महान्
-अशोक पाण्डेय ——————– मेरा यह व्यक्तिगत विचार है अपने लंबे जीवन के अनुभव का कि प्रत्येक व्यक्ति अपने निर्धारित दायित्वों
संस्था के अध्यक्ष राजकुमार के अनुसार आयोजन बिहार-ओड़िशा की सांस्कृतिक और लोक पारंपरिक एकता को बढ़ावा देने की दिशा में
-अशोक पाण्डेय ——————– जीवन में मजबूरी का भी अपना विशेष महत्त्व है। एक नदी में अचानक बाढ़ आई। नदी के