-अशोक पाण्डेय मनुष्य का जीवन आजीवन सीखने और सीख को अपनाने का एकमात्र केन्द्र है। लेकिन इस सृष्टि की रचना
-अशोक पाण्डेय ——————– एक गरीब था। वह प्रतिदिन भिक्षा मांगकर अपना पेट भरता था। आनेवाले कल के विषय में नहीं
-अशोक पाण्डेय ——————– जैसा कि आपको कल शाम में मैंने यह जानकारी दी कि अपने मन के कहने पर अपना
-अशोक पाण्डेय ——————– एक छोटा बालक जब ईश्वर से प्रार्थना करता है तो कहता है: हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको
-अशोक पाण्डेय —————– सूरदास और तुलसीदास सगुणमार्गी भक्त कवि थे। सूरदास के आराध्य श्रीकृष्ण थे तो तुलसीदास के आराध्य मर्यादा
आवश्यकता है वनांचल के उन बच्चों के लिए जो शिक्षा से वंचित हैं वहां पर स्कूल को पहुंचाया जाय और
-अशोक पाण्डेय —————— वैसे तो धर्माचरण करने वालों को ही भगवान की सच्ची भक्ति प्राप्त होती है।फिर भी,धर्म के चार
भुवनेश्वर, 10 फरवरी 2025: आईआईटी भुवनेश्वर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह को इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स
आवश्यकता है वनांचल के उन बच्चों के लिए जो शिक्षा से वंचित हैं वहां पर स्कूल को पहुंचाया जाय और
-अशोक पाण्डेय ——————– श्रेष्ठता को परिभाषित करना बहुत कठिन है। फिर भी चरित्रवान, प्रतिभावान मानसिक रूप से संयमी और शारीरिक