-अशोक पाण्डेय 144 वर्षों के बाद प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ लगा है जो आगामी 26 फरवरी तक चलेगा।
“श्रृंगार और व्यवहार ” -अशोक पाण्डेय श्रृंगार हमेशा सुंदरता को बढ़ाता है। नारायण का श्रृंगार उनके हल्के पीले रंग के
भुवनेश्वर, 18 जनवरी 2025: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भुवनेश्वर ने धर्म, इतिहास और पहचान: पवित्र शहरों की विरासत-परिदृश्य का निर्माण
-अशोक पाण्डेय ——————– “शिराज”का व्यावहारिक अर्थ है -आत्मीय, प्रेम के साथ, अपनत्व भाव से प्रदत्त भोजन। गौरतलब है कि पिछले
-अशोक पाण्डेय यह सच है कि प्रत्येक व्यक्ति की सोच व्यक्तिगत होती है। इसलिए वह जो सोचता है वही करता
विचार: अशोक पाण्डेय —————- हमारी मानसिक मनोदशाओं में दो ऐसी हैं जो हमें देव तुल्य और दैत्य तुल्य बना देती
भुवनेश्वरः14 जनवरीःअशोक पाण्डेयः स्थानीय तेरापंथ भवन में बिस्वास,भुवनेश्वर ने हर्षोल्लास के साथ मकरसंक्राति बंधुमिलन मनाया।बिस्वास के अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने
भुवनेश्वरः12 जनवरीःअशोक पाण्डेयः काफी लंबे अंतराल के बाद स्थानीय उत्कल अनुज हिन्दी पुस्तकालय में हिन्दी कवितापाठ आयोजित हुआ। अध्यक्षता रामकिशोर
——————– आज पौष पूर्णिमा के पवित्रतम दिवस पर प्रयागराज की त्रिवेणी,संगम पर पूर्ण महाकुंभ का प्रथम महास्नान हो रहा है
-अशोक पाण्डेय ——————- कौन गलत है और कौन सही है; यह मेरे अनुचिंतन का विषय नहीं है। हां, कैलास है,कैलाश