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आनंद, सपरिवार सानंद रहो।

तुम्हारे जन्मदिन पर मेरी यही मंगलकामना है-पापा,अशोक पाण्डेय
संसार सुख देगा नहीं,धरती पसीजी है कहीं,
जिससे हृदय को बल मिले हो ध्येय तुम्हारा तो वहीं।
आज आनंद 24सितंबर है । आज के ही दिन 24सितंबर,1986 को तुम्हारा जन्म मेधाहातुहुरु(झारखण्ड) में हुआ था। बचपन से लेकर अपनी उच्च शिक्षा प्राप्ति तक तुम घोर आर्थिक तंगी में रहे।पढ़-लिखकर तुम नौकरी में आये। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी करने के साथ-साथ विदेश में भी तुम नौकरी किये। उसी समय तुम्हारी शादी 2015 में आयुष्मती ज्योति पाण्डेय से हो गई जो अब तुम्हारे जीवन का उचित मार्गदर्शन करती है और तुम्हारी कामयाबी की प्रेरणा बनकर तुम्हारे साथ रहती है। बैगलुरु में अपनी कमाई का तुम्हारा अपना फ्लेट है।आनंद, तुम्हारी दोनों बेटियां-कश्वी और रुमी ही तुम्हारे हंसते-खेलते आनंदमय जीवन के आधार हैं।यह जानकर मुझे खुशी होती है कि आनंद,तुम अपने अर्जित आय के बीच हमेशा खुश रहते हो। आनंद, दैव संयोग से तुम्हारे शुभ विवाह(2015) के उपरांत तुम्हारी पत्नी श्रीमती ज्योति ही तुम्हारे सफल जीवन की एकमात्र प्रेरणा बनी।उच्च शिक्षा,एम.टैक प्राप्त ज्योति अपने विवाह के समय बैंगलुरु के एक निजी कॉलेज में बच्चों को पढ़ाती थी लेकिन अपनी दोनों बेटियों की सही देखरेख के लिए उसने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी। वह पूरी तरह से अपने परिवार की खुशहाली में लग गई। आज का दिन आनंद तुम्हारे लिए,ज्योति के लिए,तुम्हारी दोनों बेटियों तथा तुम्हारी मां के लिए बहुत कम खुशी का दिन है लेकिन मेरे लिए और तुम्हारे बड़े भाई अनुप के लिए तो आज का दिन सबसे अधिक खुशी का दिन है। जन्मदिन की अनंत शुभ कामनाओं के साथ-पापा.

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