-अशोक पाण्डेय
व्यापार -धर्म की अपनी खूबसूरती है। महाराजा अग्रसेन जी के जीवन और उनके योगदानों को गंभीरता से विचार करने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि व्यापार -धर्म में झूठ -फरेब का कोई स्थान नहीं है। नग्न सच तो आज यह है कि आजकल अधिकांश लोग झूठ बोलने की ग़लत संस्कृति को अपना चुके हैं और उसका नुकसान उनको स्वयं और उनके व्यापार को हो रहा है फिर भी वे पूजा पर बैठे हुए भी झूठ बोलते हैं। समझ में नहीं आ रहा है कि सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की परम्परा आज कैसे समाप्त होती जा रही है। वर्ष:2024 की विजयादशमी के उपरांत हे मान्यवर! आप इस गंभीर विषय पर पहले विचार करें उसके उपरांत औरों को भी बताएं कि झूठ बोलने की संस्कृति से सभी बचें और व्यापार हो या नौकरी आदि का जीवन या आपका अपना व्यक्तिगत जीवन ही क्यों न हो आप कभी भी झूठ न बोलें न ही इसको बढ़ावा दें! हां, एक बात और व्यापार -धर्म कदापि नहीं कहता है कि हम हमेशा झूठ बोलें!
-अशोक पाण्डेय
