-अशोक पाण्डेय
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एक जंगल था। जंगल में एक छोटा तालाब था। उस तालाब में ढेर सारी मछलियां आनंदमय जीवन व्यतीत करती थीं क्योंकि वहां पर कोई मछुआरा मछली पकड़ने नहीं जाता था। एक दिन किसी मछुआरा को पता चला कि जंगल के उस तालाब में ढेर सारी मछलियां रहती हैं। वह वहां आया। जाल डाल दिया। अनेक मछलियां जाल में फंस गईं। ऐसे ही मछुआरा प्रतिदिन आकर मछलियां पकड़ने लगा। यह देखकर तालाब की सबसे बूढ़ी मछली ने सारी मछलियों की मीटिंग बुलाई और यह बताई कि अगले दिन जब मछुआरा जाल डालेगा तो वे सभी सांस रोक कर जाल में फंस जाएंगी। अगले दिन मछुआरा आया। जाल डाला। मछलियां जाल में फंसीं लेकिन मछुआरा को लगा कि सभी मरी हुई हैं। उसने सोचा कि मरी मछली लेकर क्या करेंगे। वह सभी को पुनः जल में फेंक दिया। मछलियां तैरती हुईं आनंद के साथ अपने तालाब के जल में लौट आईं। मित्रों, विपत्ति के समय में हमेशा बुजुर्गों की सलाह लें!
-अशोक पाण्डेय
