-अशोक पाण्डेय
यह सच है कि प्रत्येक व्यक्ति की सोच व्यक्तिगत होती है। इसलिए वह जो सोचता है वही करता भी है। यह भी शाश्वत सत्य है कि प्रत्येक व्यक्ति के पास विधाता ने कुछ जन्मजात महाशक्तियां प्रदान की है। वे हैं: मन, बुद्धि, विचार, मस्तिष्क और इच्छाएं। ऐसे में, धन,जन, यौवन,दौलत और मान-सम्मान आदि व्यक्ति विशेष को हमेशा प्रभावित करते हैं। धन का सीधा संबंध मन से होता है। व्यक्ति के पास जैसे -जैसे धन आता है वैसे -वैसे उसका मन बढ़ते जाता है लेकिन अचानक धन के समाप्त होने पर उसका मन कभी नीचे नहीं आता है भले ही वह अर्थपति से सड़कपति ही क्यों न बन जाए।
मान्यवर,आपभी अपने मन को संतोष रूपी नियंत्रण से अपनी उपर्युक्त महाशक्तियों को संतुष्ट करें और झूठी प्रशंसा रुपी फूल मालाओं से बचें!
-अशोक पाण्डेय
