-अशोक पाण्डेय
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हमारा मन बहुत चंचल है। यह एक ही साथ पूरी दुनिया की भी सैर करा सकता है।मन का संबंध चन्द्रमा से होता है और इस मन को नियंत्रित करने के लिए हमें सांसारिक मोह-माया से बचाना होगा।यह हमेशा लोभ,लालच और स्वार्थ में डूबा रहता है। यह हमारा चंचल मन किसी भी विषय पर मात्र 43 सेकेण्ड ही केंद्रित रहता है। इसीलिए सभी धर्मों के गुरु एक ही बात बताते हैं कि जो व्यक्ति मौन व्रत करता है, आध्यात्मिक जीवन जीता है और सनातनी शाश्वत मूल्यों को अपनाता है उसी का जीवन सुखी और आनंददायक होता है। इसलिए हो सके तो अपने चंचल मन को नियंत्रित करें!
-अशोक पाण्डेय