-अशोक पाण्डेय
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कलियुग के एक मात्र पूर्ण दारु ब्रह्म भगवान जगन्नाथ जी अपने भक्त से सबसे पहले उनको उनके अहंकार त्याग कर स्वच्छ और पवित्र मन से अपनी भक्ति का फूल चाहते हैं। साथ ही साथ वे श्रद्धा, भक्ति, प्रेम, दया, करुणा, सत्य, मैत्री,समता और भाईचारे आदि का दैवी फूल चाहते हैं।
-अशोक पाण्डेय









