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कल किसने देखा है?

-अशोक पाण्डेय

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कल किसी ने भी नहीं देखा है।राजा-रंक सभी को आज और अभी में ही जीना होता है। कभी- कभी तो हमारे सपने ही हमें कल का आभास करा देते हैं। जैसे: सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र को आभास हो गया था। राजा दशरथ को हो गया था। भारतीय राजनीति इस भावी आभास की तो प्रत्यक्ष आधार है। इसलिए मान्यवर, वर्तमान को ही अपना सर्वश्रेष्ठ समय मानकर हरि- हरि बोलते रहें और सत्कर्म करते रहें।
-अशोक पाण्डेय

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