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आज हमसब को माखनलाल चतुर्वेदी की कविता “पुष्प की अभिलाषा” को याद करना चाहिए।

आज हमसब को माखनलाल चतुर्वेदी की कविता “पुष्प की अभिलाषा” को याद करना चाहिए। जिस प्रकार एक फूल चाहता है कि वह देश के लिए शहीद होने के लिए जाने वाले वीरों के पांवों तले बिछकर अपने जीवन को गौरवान्वित करे ठीक उसी प्रकार हमसब भी भारतीय सेनाओं का उत्साह बढ़ाएं! मित्रों,यह समय देशहित के लिए चिंतन और मनन है। कुछ करने का है।
जय हिन्द!
-अशोक पाण्डेय

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