-अशोक पाण्डेय
श्री जगन्नाथ पुरी के श्रीमंदिर के स्नान मण्डप पर प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली चतुर्धा देवविग्रहों की देवस्नान पूर्णिमा वास्तव में जगन्नाथ जी का जन्मोत्सव है। आगामी 11 जून को यह आयोजन भगवान जगन्नाथ की लौकिक लीला का प्रत्यक्ष उदाहरण है। उस दिन वे माता विमला देवी के कुएं से 35 स्वर्ण कलश जल से , बलभद्र जी 33 कलश जल से,देवी सुभद्रा जी 22 कलश जल से और सुदर्शन जी 18 कलश जल (कुल 108 कलश जल ) से मलमलकर महास्नान करेंगे और गजानन वेश में सुशोभित होंगे।
-अशोक पाण्डेय