श्री श्री दिव्य सिंहदेव जी महाराजा
भगवान जगन्नाथ के प्रथम सेवक पुरी धाम के गजपति महाराजा श्री श्री दिव्य सिंहदेवजी महाभाग हैं जिनका जन्म 06फरवरी,1953 में एक राजपरिवार में हुआ।उनके पिताश्री का नाम महाराजा वीरकिशोर देवजी है। पिताश्री के स्वर्गवास के बाद श्री श्री दिव्य सिंहदेव जी महाराजा को पैतृक विरासत में भगवान जगन्नाथ के प्रथम सेवक का पुनीत दायित्व मिला। 1971 में जब आप मात्र 19 वर्ष के थे तभी से आप भगवान जगन्नाथ की विश्वप्रसिद्ध रथयात्रा के दिन तीनों रथों पर छेरापंहरा का पवित्र दायित्व निभा रहे हैं।आप का आध्यात्मिक व्यक्तित्व सादगी और भगवान जगन्नाथ की सेवा का यथार्थ आदर्श है।आपकी प्रारंभिक शिक्षा पुरी धाम के एक मिशनरी स्कूल में हुई। आप दिल्ली विश्वविद्यालय के संत स्टीफन कालेज से एलएल.बी. किये तथा अमरीका शिकागो के नार्थ-वेस्टर्न विश्वविद्यालय से आपने एलएल.एम. किया। आपकी पत्नी महारानी सूर्यमणि महापट्टदेवी आपके जीवन की प्रेरणा हैं।1980 से 1993 तक आप आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तराखण्ड,देहरादून के स्वामी शिवानन्द आश्रम में रहे ।07जुलाई,1970 के दिन आपके
भगवान जगन्नाथ के प्रथम सेवकः पुरी धाम के गजपति महाराजाः
