Header Ad

Categories

  • No categories

Most Viewed

उस देवेश को मेरा प्रणाम है जिनका सौम्य स्वरुप है

उस देवेश को मेरा प्रणाम है जिनका सौम्य स्वरुप है ,उमादेवी जिनकी पत्नी हैं,जो अपने भक्तों पर कृपा करने के लिए सदा आतुर है ऐसे पंचमुखी भगवान शिवशंकर, त्रिलोचन नीलकण्ठ शंकर को मेरा प्रणाम है। जिनके ललाट पर चन्द्रमा सुशोभित है, जो हाथ में पिनाक धनुष धारण किये हुए हैं तथा जो अपने भक्तों को अभय दान देने के लिए सहज स्वभाववाले हैं वैसे शंकर भगवान को मेरा प्रणाम है। जिनके हाथ में त्रिशूल और डमरु है, अनेक प्रकार के मुखवाले गण जिनकी सदा सेवा करते रहते हैं उन भगवान वृषध्वज को मैं प्रणाम करता हूं। जो त्रिपुर,अंधक तथा महाकाल नाम के भयंकर असुरों के संहारक हैं,जो हाथी के चर्म को पहनते हैं, जो सर्प का य़ज्ञोपवीत पहनते हैं,रुद्राक्ष की माला जिनकी शोभा बढ़ाती हो, जो भक्तों की इच्छा पूर्ण करते हैं, जो सबके शासक हैं उस अद्भुतरुपधारी भगवान शिव को मैं प्रणाम करता हूं।
सूर्य-चन्द्र जिनके नेत्र हैं उस महादेव को, कैलासपति को मैं प्रणाम करता हूं।

🙏जय जगन्नाथ!🙏

    Leave Your Comment

    Your email address will not be published.*

    Forgot Password