आप सम्मानित होने पर न तो बेहद खुश होते हैं न ही कभी अपनी आलोचना से कभी क्रोधित ही होते हैं।
आप न किसी को कठोर वचन बोलते हैं न ही अपनी वाणी से किसी को दुखी ही करते हैं।
पवित्रता से परिपूर्ण कार्तिक मास का आजका दिन आपको सहृदय दानदाता बनाए!
-अशोक पाण्डेय
