




भुवनेश्वर,28अक्टूबर, अशोक पाण्डेय
स्थानीय मंचेश्वर न्यू बाली यात्रा प्रदर्शनी मैदान के समीप से बहुत हुई पवित्र नदी कुआखाई छठघाट पर समारोह के मुख्य अतिथि ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण मांझी के सपत्नीक भोर के अर्घ्य दान के साथ संपन्न हो गया। अर्घ्य उनकी पत्नी श्रीमती प्रियंका मरांडी ने भी दिया।अपने संबोधन में मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने बताया कि उनका पैतृक गांव केन्दुझर जिले में पड़ता है जो बिहार से सटा हुआ है।वे अपने बाल्यकाल से ही बिहार की लोक संस्कृति से जुड़े हुए हैं और आज बिस्वास भुवनेश्वर के निमंत्रण पर यहां सपत्नीक पधारकर तथा छठव्रतियों से मिलकर बहुत खुश हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उनको ओडिशा के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी है जिसे वे पूरी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के साथ निभा रहे हैं। उनके कार्यकाल के विगत 500दिन प्रदेश के उत्तरोत्तर और सतत विकास के लिए उल्लेखनीय, प्रशंसनीय और लोक हितकारी रहे हैं।उनको ओडिशा की साढ़े चार करोड़ लोगों का जनसमर्थन प्राप्त है जिसके बदौलत वे ओडिशा को एक विकसित राज्य बनाने हेतु संकल्पित भाव से दिन-रात कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का स्वागत बिस्वास भुवनेश्वर के अध्यक्ष राजकुमार ने किया जबकि आभार व्यक्त किया सचिव अशोक कुमार भगत।पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन किया अशोक पाण्डेय ने। आयोजन को सफल बनाने में अजय बहादुर सिंह,संजय झा, चन्द्रशेखर सिंह, विद्या मिश्रा, मणिशंकर ठाकुर, बिस्वास भुवनेश्वर की महिला समिति , बिस्वास भुवनेश्वर युवा शाखा समेत बिस्वास भुवनेश्वर के सभी सहयोगी, बड़े बुजुर्ग और सभी हितैषी। राजकुमार ने अपने आभार में ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण मांझी जी,उनकी पत्नी श्रीमती प्रियंका मरांडी जी, स्थानीय शीर्ष पुलिस पदाधिकारियों,उनके सहयोगियों, स्थानीय प्रशासन एवं स्थानीय एलोक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया के आगत सहयोगियों को दिया। छठघाट से वापस लौट थे समय सभी ने छठ का ठेकुआ प्रसाद ग्रहण किया। गौरतलब है पिछले 25 वर्षों के बिस्वास भुवनेश्वर के सामूहिक छठ पूजा के आयोजन में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी जी पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने छठघाट पर आकर संस्कृति, प्रकृति और संस्कार के चार दिवसीय महापर्व के आयोजन को अपने अभिभाषण और सूर्यदेव को अर्घ्य देकर सभी आयोजकों को नई ऊर्जा प्रदान किए।
अशोक पाण्डेय









