कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका के सलोनी फाउंडेशन ने ज़िन्दगी फाउंडेशन के 5 छात्रों को गोद लिया है और उनके मेडिकल की पढाई का पूरा खर्च उठाने का निर्णय लिया है। ये सभी बच्चे आर्थिक तौर पर समाज के पिछड़े वर्ग से हैं जिनमे कई भूमिहीन किसानो, दिहाड़ी मज़दूरों, सब्जी विक्रेता के बच्चे हैं जिनके परिवार को बहुत मुश्किल से हर दिन दो वक्त का भोजन मिलता है। लेकिन इन सभी चुनौतियों और अत्यंत गरीबी के बाद भी इन छात्रों ने नीट 2020 में बेहतरीन प्रदर्शन किया और ओडिशा के प्रतिष्ठित सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लिया।
भुबनेश्वर, ओडिशा स्थित ज़िन्दगी फाउंडेशन गरीब मेधावी बच्चों, जो डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं, उनको सारी सुविधाएं जैसे मेडिकल कोचिंग, स्टडी मटेरियल, खाना-रहना बिलकुल मुफ्त प्रदान करती है। ज़िन्दगी फाउंडेशन के सभी 19 बच्चों ने नीट 2020 में क्वालीफाई किया है और उनमे से कई बच्चों ने प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में दाखिला पाया है। यह सफर बहुत मुश्किल और चुनौतियों भरा था, लेकिन अंततः छात्रों ने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया।
इन 5 छात्रों में अनगुल,ओडिशा की खिरोदिनी साहू है जिसने नीट 2020 में 657 स्कोर किया और अभी कट्क मेडिकल कॉलेज में पढाई कर रही है। उसके पिता दूसरों के खेतों में दिहाड़ी मज़दूरी का काम करते हैं। सुभेंदु परिदा के माता-पिता रोड के किनारे इडली-वादा का ठेला चलाते हैं। परिवार का पेट भरने के लिए सुभेंदु को भी उनके साथ काम करना पड़ता था। अभी वह वी एस एस मेडिकल कॉलेज, बुर्ला में पढाई कर रहा है। देबाशीष बिस्वाल के पिता केंद्रपारा में छोटी सी किराने की दूकान चलाते थे, लेकिन अभी ब्रेन स्ट्रोक की वजह से बीमार पड़ गए है। देबाशीष अभी वी एस एस मेडिकल कॉलेज, बुर्ला में पढाई कर रहा है। मृत्युंजय त्रिपाठी के पिता पूजा-पाठ करा कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं।फनी तूफ़ान में उनका घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। लेकिन अपनी मेहनत और लगन से मृत्युंजय को वी एस एस मेडिकल कॉलेज, बुर्ला में दाखिला मिल गया है। बृति सुन्दर बेहेरा के पिता का लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया और इलाज में उनके परिवार की छोटी सी जमा पूंजी पूरी ही खर्च हो गयी। लेकिन अपनी मेहनत से बृति आज गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, बलांगीर में पढ़ रहा है। इन सभी छात्रों को सलोनी फाउंडेशन की तरफ से आर्थिक और भावनात्मक सहायता दी गयी है ताकि वह पैसे की तंगी के बारे में नहीं सोच कर अपनी मेडिकल पढाई पर ध्यान दे सकें।
ज़िन्दगी फाउंडेशन के फाउंडर अजय बहादुर सिंह ने कहा, ” यह बच्चे बहुत गरीब घरों से आते हैं और इनके परिवार को बहुत मुश्किल से दिन भर का भोजन मिल पाता है। हम उन्हें सारी सुविधाएं मुफ्त में प्रदान करते हैं और उनके डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने में मदद करते हैं। लेकिन इन बच्चों के परिवार सरकारी मेडिकल कॉलेज का फीस भरने में भी असमर्थ होते हैं। इन बच्चों की ख़ुशी निराशा में बदल जाती है। हम लोगों ने सलोनी फाउंडेशन और कई अन्य संस्थाओं के साथ संपर्क किया जिन्होंने इन बच्चों के 5 साल के ट्यूशन फीस , हॉस्टल फीस और बाकि खर्चों के निर्वहन का निर्णय लिया। साथ ही, वह इन बच्चों को HP का एक लॅपटॉप बिल्कुल मुफ्त प्रदान करते हैं। हम हर संभव प्रयास करते हैं की इन बच्चों के डॉक्टर बनने के मार्ग के हर बाधा को दूर किया जाए.
अजय बताते है, “हम किस भी संस्था या व्यक्ति से बच्चों के एक साल की मेडिकल की तैयारी के लिए किसी तरह का डोनेशन नहीं लेते और स्टडी मटेरियल, ट्यूशन फीस, खाने-रहने का सारा खर्च ज़िन्दगी फाउंडेशन वहन करती है। लेकिन बच्चे मेडिकल कॉलेज की फीस भरने में भी मुश्किल का सामना करते हैं इसीलिए हम संस्थाओं और व्यक्तियों को संपर्क करते हैं जो इनकी मेडिकल की पढाई को स्पोंसर करते हैं। स्कालरशिप की राशि सीधा छात्रों के बैंक अकाउंट में भेजी जाती हैं ताकि पूरी पारदर्शिता कायम रहे।
अजय स्वयं एक मेधावी छात्र थे और डॉक्टर बनना चाहते थे। लेकिन अपने पिता के अचानक बीमार पड़ने की वजह से उन्हें अपनी पढाई छोड़नी पड़ी और इलाज के खर्चे उठाने के लिए काम करना पड़ा। अजय डॉक्टर नहीं बन पाए लेकिन अब वह गरीब मेधावी छात्रों को डॉक्टर बनने में मदद करते हैं। सलोनी हार्ट फाउंडेशन की शुरुआत भी काफी भावुक तरीके से हुई।इसकी शुरुआत 2018 में मिली और हिमांशु सेठ ने अपनी 13 साल की बेटी सलोनी की मृत्यु के बाद उसकी याद में किया। उनकी बेटी को ह्रदय की बीमारी थी और खुद भी ह्रदय विशेषज्ञ डॉक्टर बनना चाहती थी।
यह समारोह एक वर्चुअल मीटिंग के द्वारा आयोजित किया गया था जिसमे शामिल थे : अजय बहादुर सिंह , फाउंडर – ज़िन्दगी फ़ाउंडेशन; मिली और हीमांशु सेठ, सलोनी हार्ट फाउंडेशन; विश्वप्रसिद्ध डॉक्टर वी एम रेड्डी, चीफ, UCSF डिवीज़न एवं को-डायरेक्टर UCSF पेडियेट्रिक हार्ट सेंटर, USA एवं मुख्य सलाहकार SHF; डॉ पी वेणुगोपाल, पद्म भूषण पूर्व – डायरेक्टर एवं हेड, कार्डिओथोरेसिस और वैस्कुलर सर्जरी, AIIMS एवं सलाहकार SHF; केतन पटेल, मैनेजिंग डायरेक्टर – HP इंडिया; वी जी कृष्णन, को-फाउंडर शिक्षा दान, एग्जीक्यूटिव कोच एंड ट्रेनर; बिंदु कृष्णन, को-फाउंडर शिक्षा दान, एक्सेक्यूट कोच एंड ट्रेनर; आशुतोष बरनवाल, फाउंडर एंड डायरेक्टर Buddy4Study; प्रशांत पाल, को-फाउंडर एंड सीइओ, PURE India Trust. इसके अलावा सलोनी फाउंडेशन के बोर्ड मेंबर्स और स्कॉलर्स भी इस मीटिंग में शामिल थे।