यह जानकर सभी को आश्चर्य हो रहा होगा कि जो शिक्षक अर्थाभाव में मात्र सातवीं कक्षा तक ही पढ पाया वह आज कैसे पद्मश्री अवार्डी बनकर लगभग 100वर्ष की उम्र में बिना किसी सरकारी सहायता के 1946 से बच्चों को कैसे स्वेच्छापूर्वक पढा रहा है। सच मानिये , 100 वर्षीय नन्दा प्रूष्टि 2021 के पद्मश्री अवार्डी हैं। नन्दा मास्टर के नाम से विख्यात नन्दा प्रूष्टि ओडिशा जाजपुर जिले के सुखीन्दा प्रखण्ड के कांतीरा गांव के रहनेवाले हैं। वे अपने बाल्यकाल में अर्थाभाव के कारण मात्र सातवीं कक्षा तक ही पढ पाये लेकिन उनका एक ही सपना था कि वे अपने गांव से निरक्षरता को अवश्य दूर करके ही दम लेंगे और उन्होंने असंभव को संभवकर के दिखा दिया। नन्दा मास्टर प्रतिदिन सुबह 9बजे लेकर अपराह्न 4.00 बजे तक तथा सायंकाल 6.00 बजे से लेकर 9.00 बजे तक गांव के वरिष्ठ नागरिकों को पढाते हैं। इसीलिए कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत स्वयं उनके पास जाकर उनको सादर प्रणाम किया तथा उनके अदम्य साहस की तारीफ की।
अशोक पाण्डेय