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मेरे वास्तविक जीवन-दर्शनःअन्तर्राष्ट्रीय आर्ट आफ गिविंग को 09मई,2021 से लेकर 17मई,2021 तक “ मेरी मां ,मेरा भाग्यविधाता “मानकर अपने-अपने घर पर ही मनायें !

भुवनेश्वरः08मईःअशोक पाण्डेय

वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर के दुष्प्रभाव को ध्यान में रखकर मैं प्रोफेसर अच्युत सामंत प्राणप्रतिष्ठाताःकीट-कीस तथा कंधमाल लोकसभा सांसद अपने पूरे विश्व के शुभचिंतकों से यह अपील करता हूं कि मेरे वास्तविक जीवनदर्शनः आर्ट आफ गिविंग को 09मई,2021 से लेकर 17मई,2021 तक “ मेरी मां ,मेरा भाग्यविधाता “मानकर आपसब अपने-अपने घर पर ही मनायें !         उसकी सेवा करते हुए फोटो खीचाएं तथा उसे भेजें। उन्हें सोसल मीडिया के साथ-साथ समाचारपत्रों तथा टेलीविजन पर भी दिखाया जाएगा। यह भी विशेष रुप से ध्यान रहे कि कोरोनायोद्धाओं की सहायता सतत करें जैसाकि मैं कर रहा हूं। गौरतलब है कि 17मई,2013 से मैंने अपने वास्तविक जीवन दर्शनः आर्ट आफ गिविंग को आरंभ किया था जिसके तहत एक-दूसरे को प्यार-मोहब्बत,खुशी तथा शांति का पैगाम पहुंचाने का एक मेरा प्रयास है। सबसे बडी बात आर्ट आफ गिविंग की यह रही कि 2018 आते-आते विश्व के लगभग 120 देशों ने उसे अन्तर्राष्ट्रीय आर्ट आफ गिविंग के रुप में अपनाकर अपने-अपने देश में राजी-खुशी के साथ मनाना आरंभ कर दिया।2019 में  अन्तर्राष्ट्रीय आर्ट आफ गिविंग का मेरी ओर से थीम थाः बैग आफ हैपीनेश  तथा 2020 का थीम थाः कोरोना योद्धाओं की यथासंभव सहायता तथा सहयोग। 2021 वर्ष  को मैं आपसी प्रेम वर्ष के रुप में मनाने की सभी से अपील की। अपने जीवन में मैं सदा आराम को हराम मानकर चौबीसों घण्टे काम करता हूं। मैंने 2020 पूरे सालभर कोरोना योद्धाओं की भरपूर सहायता की तथा ओडिशा सरकार के सहयोग से कुल 4-4 कोविद-19 अस्पताल खोले। उन अस्पतालों  में अपनी ओर से दक्ष डाक्टरों,नर्सों तथा पारामेडिकल स्टाफों की तैनाती की। सभी कोरोना मरीजों को मन,धन और तन से पूर्ण सहयोग किया।अपने आपको पूरी तरह से व्यस्त रखकर भी मैंने अपनी स्वर्गीया मां के प्रति हार्दिक कृतज्ञता प्रकट करते हुए नीलिमारानीःमाई मदर,माई हीरो पुस्तक लिखी जिसका लोकार्पण 02अप्रैल,2021 को भारत के महामहिम उपराष्ट्रपित श्री एम.वंकैया नायडू ने ओडिशा के महामहिम राज्यपाल प्रोफेसर गणेशीलाल की गरिमामयी उपस्थिति में भुवनेश्वर राजभवन में किया।  मैं जब मात्र 04साल का था तभी मेरे  पिताजी का एक रेलदुर्घना में असामयिक निधन हो गया लेकिन मैंने अपने बचपन की घोर आर्थिक परिस्थिति को वरदान मानकर तथा अपनी मां नीलिमारानी सामंत को अपना पहला गुरु मानकर जनसेवा और लोकसेवा के पथ पर अग्रसर होकर  कीट-कीस का प्राणप्रतिष्ठाता बना । बेहतर लोकसेवा के लिए कंधमाल लोकसभा सांसद बना। आदिवासी समुदाय का जीवित मसीहा बना तथा अपने जीवनदर्शनःअन्तर्राष्ट्रीय आर्ट आफ गिविंग के माध्यम से करोडों युवाओं तथा समाजसेवियो का आदर्श बना। मेरी मां नारी शक्ति की प्रेरणा और आदर्श है। मेरे लिए मां का सेवा-सम्मान भारत मां का सेवा-सम्मान है इसीलिए आईए हमसब मिलकर कोरोना योद्धाओं की सहायता करते हुए मेरे  वास्तविक जीवन दर्शन अन्तर्राष्ट्रीय आर्ट आफ गिविंग 2021 को मेरी मां ,मेरा भाग्यविधाता के रुप में 09मई,2021 से लेकर 17मई,2021 तक अपने-अपने घर पर ही पूरी तरह से सुरक्षित रहकर मनायें।

-प्रोफेसर अच्युत सामंत

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