“ कोरोना की दूसरी लहर के एकांतवास के सुअवसर का भरपूर लाभ उठाकर मैं इस मुकाम तक पहुंचा हूं।“
– सिद्धांत खण्डेलवाल
भुवनेश्वरः05जुलाईःअशोक पाण्डेयः
आज के प्रतियोगिता के युग में किसी भी मेधावी छात्र के लिए भारत के शीर्ष तथा नामी अच्छे शैक्षिक संस्थान में नामांकन के लिए चयनित होना उसके जीवन की बहुत बडी उपलब्धि मानी जानी चाहिए। यह भी सच है कि छात्र के अपने भाग्य,कठोर परिश्रम और अनुकूल अवसर का भरपूर लाभ उठाने का भी उतना ही महत्त्व है। आल इण्डिया इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, एआईआईएम,लखनऊ में मैनेजमेंट पीजी डिग्री कोर्स के लिए कंपीटकर कटक,ओडिशा के होनहार-मेधावी छात्र सिद्धांत खण्डेलवाल का नामांकन लेना यह सिद्ध करता है कि सिद्धांत खण्डेलवाल एक उच्च मनोबल वाला कर्मठ छात्र है जो अपने जीवन में सफलता की इस तक ऊंची छलांग अपने ही बलबूते पर लगाया है। सिद्धांत खण्डेलवाल के पिताजी श्री विनय खण्डेलवाल एक बिल्डर के साथ-साथ कटक-भुवनेश्वर खण्डेलवाल समाज के महासचिव भी हैं जबकि उनकी माताजी श्रीमती ज्योति खण्डेलवाल एक कुशल गृहिणी के साथ-साथ मारवाडी महिला समिति कटक सृजन शाखा की अध्यक्षा भी हैं। दोनों मिलकर सिद्धांत खण्डेलवाल को जीवन में कामयाब बनने के लिए सदा प्रोत्साहित करते रहे। सिद्धांत ने बताया कि उसकी इस कामयाबी का वास्तविक रहस्य कोरोना की दूसरी लहर के वक्त उसको प्राप्त एकांतवास का सुअवसर था जिसका वह भरपूर लाभ उठाया तथा उस दौरान वह अपने आपको सोसलमीडिया से पूरी तरह से दूर रखा। सिद्धांत खण्डेलवाल ने समस्त युवाओं को जीवन में कामयाब बनने के लिए सुअवसर के लाभ उठाने की नेक सलाह दी है।
अशोक पाण्डेय