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कीस डीम्ड विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर ने मनाया अपना चौथा स्थापना दिवस

भुवनेश्वरः27अगस्तःअशोक पाण्डेयः
कोविड दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए कीस डीम्ड विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर ने 25अगस्त को यादगार तरीके से अपना चौथा स्थापना दिवस मनाया। समारोह के मुख्य अतिथि कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत थे जबकि सम्मानित अतिथि के रुप में कीट-कीस प्रबंधन समिति के सचिव श्री आर.एन.दाश,कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीपक कुमार बेहरा,कीट डीम्ड विश्वविद्यालय की कुलसचिव तथा वर्तमान में कीट डीम्डविश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति प्रोफेसर सस्मिता सामंत आदि थे। अवसर पर कीस डीम्ड विश्वविद्यालय प्रांगण में आदिवासी जनजाति के गौरव बिरसा मुण्डा तथा लक्ष्मण नायक की दो अलग-अलग विशाल प्रस्तर की मूर्ति का अनावरण समारोह के मुख्य अतिथि तथा सम्मानित अतिथिगण द्वारा हुआ। विश्वविद्यालय रिसर्च चेयर की तरफ से दो पुस्तकों भीमाभोई-दर्शन तथा महिमाधर्म मनस्वी गोपबंधु ,शिक्षा-व-साहित्य का भी लोकार्पण हुआ। आयोजित शैक्षिक शोध-संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर अच्युत सामंत ने बताया कि कीस डीम्ड विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर,ओडिशा भारत समेत पूरे विश्व का आज प्रथम आदिवासी आवासीय डीम्ड विश्वविद्यालय है जो आदिवासी छात्र-छात्राओं को निःशुल्क समस्त आवासीय सुविधाओं के साथ-साथ उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराता है। साथ ही साथ विभिन्न शोध क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय कार्य कर रहा है ,इस बात की उनको बेहद खुशी है। आज के शोध के युग में यह शैक्षिक संस्थान मील के पत्थर के रुप में पूरे विश्व के नामी विश्वविद्यालयों को निश्चत रुप में उचित मार्गदर्शन करेगा। कीस डीम्ड विश्वविद्यालय में दो नये शैक्षिक शोध चेयर आरंभ हुएः बिरसा मुण्डा तथा लक्ष्मण नायक शोध चेयर। प्रोफेसर सामंत ने विश्वविद्यालय में तत्काल कीस-टीबीआइ आरंभ करने की भी उद्घोषणा की। कीट-कीस प्रबंधन समिति के सचिव श्री आर.एन.दाश ने बताया कि प्रोफेसर अच्युत सामंत के त्याग-तपस्या तथा कठोर परिश्रम का प्रतिफल है कीट-कीस जिसकी स्थापना इन्होंने 1992-93 में अपनी कुल जमा पूंजी मात्र पांच हजार रुपये से की थी जो आज दोनों डीम्ड विश्वविद्यालय बनकर पूरे विश्व के आकर्षण का केन्द्र बन चुके हैं। कीस में सच्चे मानव का निर्माण होता है और मानवता की सेवा होती है। कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीपक कुमार बेहरा ने अपने संबोधन में बताया कि कीस डीम्ड विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में विकास करते हुए गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय,संबलपुर तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ करार कर चुका है । उन्होंने विश्वविद्यालय के नये शैक्षिक पाठ्यक्रम में आदिवासी परफार्मिंग आर्ट तथा आदिवासी फिजिकल शिक्षा तथा आदिवासी खाद्य विज्ञान तकनीकी आदि को शामिल किये जाने की भी जानकारी दी। कीट डीम्ड विश्वविद्यालय की कुलसचिव तथा विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति प्रोफेसर सस्मिता सामंत ने बताया कि प्रोफेसर अच्युत सामंत के आदर्श तथा त्यागमय विदेह जीवन के जीवन को आदर्श रुप में अपनाकर कीस चरित्रवान,ईमानदार,अनुशासित,कर्तव्यनिष्ठ तथा निःस्वार्थ समाजसेवी मानव तैयार करता है जो मानवता के सेवा हेतु संकल्पित जीवन जीते हैं। प्रोफेसर सस्मिता सामंत के अनुसार कीस आज निःस्वार्थ रुप से मानवता की सेवा के लिए विश्व का एकमात्र समर्पित शैक्षिक संस्थान है जिसकी अपनी अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता है। संगोष्ठी को कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के प्रो-वीसी प्रोफेसर पितबास साहू ,डा.कान्हुचरण महाली,डीजी कीस डीम्ड विश्वविद्यालय आदि ने भी संबोधित किया। स्वागत-भाषण दिया कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. प्रशांत कुमार राउतराय ने जबकि आभार ज्ञापन किया कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के डेपुटी रजिस्ट्रार श्री प्रमोद कुमार पात्र ने।

अशोक पाण्डेय

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