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विख्यात ओडिया साहित्यकार मनोरमा महापात्र का 87 वर्ष की आयु में परलोकगमन मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की

भुवनेश्वरः19सितंबरःअशोक पाण्डेय
लोकप्रिय ओडिया डेली “समाज” की पूर्व सम्पादिका तथा विख्यात ओडिया साहित्यकार मनोरमा महापात्र का कटक एससीबी मेडिकल कालेज में 18 सितंबर को निधन हो गया। उनको सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। 87वर्षीय मनोरमा महापात्र के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए स्वर्गीय मनोरमा महापात्र को एक महान शिक्षाविद्,लेखिका और कुशल वक्ता बताया। मुख्यमंत्री के अनुसार स्व.मनोरमा महापात्र ने ओडिया-जगत में अपनी एक विशेष पहचान बनाईं थीं। उन्होंने महिला अधिकारों तथा महिलाओं से जुडे अनेक मुद्दों के प्रति महिलाओं को जागरुक किया था।एक सम्पादिका के रुप में उन्होंने पत्रकारिता का एक उच्च मानदण्ड स्थापित किया था। लोकसेवक मण्डल के सदस्य के रुप में स्व. मनोरमा महापात्र समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय और विशिष्ट स्थान बनाई थीं। ओडिशा ने स्व. मनोरमा पात्र के रुप में एक करिश्माई वक्ता खो दिया है जिसकी रिक्तता की पूर्ति असंभव है। स्वर्गीय मनोरमा महापात्र का ओडिया समाज में सबसे लोकप्रिय स्तम्भ लेखनः झिटीपिटी कहे सताक्षी की याद ओडिया डेली समाज के पाठकों को हमेशा उनकी याद दिलाता रहेगा।उनका पहला कवितासंग्रह था-जुवार जेउंती जिसका प्रकाशन 1960 में हुआ था जिसके माध्यम से नारी सशक्तिकरण का उन्होंने संदेश दिया था।उनकी प्रमुख प्रकाशित रचनाओं में-बन्द घराना कबाट,अर्द्धनारीश्वर,बैदेही विसर्जिता, संघातिर सम्हिता, शक्तिरुपेणा संस्थिता, रुपम रुपम प्रतिरुपम, स्मृतिचंदन,समय पुरुष,स्मृतिर नयीमिशारण्याऔर 151 कविताएं। उन्होंने बंगाली भाषा में अरुप आलो,ये पृथ्वी सरसज्जा आदि लिखीं। 1984 में उनको साहित्य अकादमी अवार्ड,1988 में सोविय-नेहरु अवार्ड, 1990 में क्रिटिक सर्किल आफ इण्डिया अवार्ड,1991 में ईश्वर चन्द्र विद्यासागर अवार्ड और 1994 में रुपंबरा अवार्ड प्दान किया गया था।स्व. मनोरमा महापात्र को श्रद्धांजलि देनेवालों में प्रमुख थे-कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभासांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत,डा शंकरलाल पुरोहित,डा इति सामंत,पत्रकार श्री प्रदोष पटनायक,श्री दिलीप हाली तथा अशोक पाण्डेय आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें ओडिया साहित्यजगत का स्वाभिमान,पत्रकारिताजगत का मील का पत्थर तथा नारीजाति का गौरव बताया। साथ ही साथ ओडिशा के अनेक साहित्यकार, शिक्षाविद्, पत्रकार,समाजसेवी, लोकसेवक मण्डल के अनेक गणमान्य सदस्य,ओडिया डेली समाज के अनेक अधिकारी तथा सहयोगीगण एवं ओडिया डेली समाज के नियमितपाठकगण ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

अशोक पाण्डेय

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