“प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन मन से खुश रहना चाहिए जबकि व्यक्ति का अपना मन स्वार्थ और परमार्थ के मध्य संतुलन चाहता है। ऐसे में स्वविवेकी बनना जरूरी है। जगन्नाथ जी सभी को स्वविवेकी बनायें! ”
-अशोक पाण्डेय

“प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन मन से खुश रहना चाहिए जबकि व्यक्ति का अपना मन स्वार्थ और परमार्थ के मध्य संतुलन चाहता है। ऐसे में स्वविवेकी बनना जरूरी है। जगन्नाथ जी सभी को स्वविवेकी बनायें! ”
-अशोक पाण्डेय