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प्रथम विश्व लीडरशिप कन्वेशन कीट में आयोजित

भुवनेश्वरः06फरवरीःअशोक पाण्डेयः
05फरवरी,सरस्वती पूजा के पावन अवसर पर कीट डीम्ड विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर में प्रथम विश्व लीडरशिप कन्वेशन आयोजित हुई जिसका उद्घाटन डा रमेश पोखरीयाल निशांक,पूर्व केन्द्रीय मंत्री शिक्षामंत्री तथा वर्तमान लोकसभा सांसद ने किया। कन्वेशन का विषय थाःवर्ड इज वन। कीट डीम्ड विश्विद्यालय तथा वर्ड लीडरशिप अकादमी(डब्लूएलए) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कम्वेंशन में स्वागत की औपचारिकता कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत ने पूरी की तथा अपने संबोधन में यह जानकारी दी कि उनकी दोनों ही विश्वस्तरीय शैक्षिक संस्थाएःकीट-कीस आरंभ से ही इंसानियत तथा दया को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से खोली गईं हैं। इसीलिए दोनों ही संस्थाएःकीटकीस युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उनमें दया तथा इंसानियत की भावना का विकास करतीं हैं जिसके बदौलत इसे शिक्षा-जगत का आधुनिक तीर्थस्थल मानकर पूरा विश्व यहां आता है। यह आयोजित कम्वेंशन निश्चत रुप में पूरे विश्व को लीडरशिप का शांतिडसद्भावना तथा मैत्री का संदेश देगा। समारोह के मुख्यअतिथि डा डा रमेश पोखरीयाल निशांक ने बताया कि 21वीं सदी में भी भारत पुनः पूरे विश्व को शांति,मैत्री तथा सद्भावना का संदेश देगा।भारत की संस्कृति,परम्पराएं,साहित्य,इतिहास तथा शाश्वत जीवनमूल्य काफी समृद्ध है जहां कभी पूरे विश्व के लोग तक्षशिला तथा नालंदा में ज्ञानार्जन के लिए आते थे।भारत विश्व बंधुत्व की भावना में यकीन करता है।भारत के अनुसार पूरा विश्व ही एक परिवार है। कन्वेंशन का विधिवत उद्घाटन करते हुए श्री राममाधव,नामी चिंतक और लेखक ने अपने संबोधन में यह बताया कि भूगर्वशास्त्र,समाजशास्त्र तथा ज्ञान की विभिन्न शाखाओं के आधार पर ज्ञान और विवेक के धरातल पर पूरा विश्व एक है। शैक्षिक संस्थाएं मात्र डिग्री तथा प्रमाणपत्र देने की तथा रोजगार उपलब्ध कराने आदि की मात्र फैक्टरी न बनें। सिक्षा का मूलभूत उद्देश्य युवाओं के विवेक के विकास के साथ-साथ कीट-कीस की तरह ही उनमें इंसानियत तथा दयाभाव को विकसित करनेवाली संस्था होना चाहिए।सम्मानित अतिथि एनबीए के चेयरमैन प्रोफेसर के.के.अग्रवाल ने बताया कि जबकि ज्ञान एक है इसीलिए पूरा विश्व एक होना चाहिए। कीट डीम्ड विश्वविद्यालय की कुलपति तथा डब्लूएलए की प्रेसिडेंट प्रोफेसर एस.सामंत ने स्वागतभाषण देते हुए संस्कृति,विचार,तकनीकी,शिक्षक-छात्र,शोधार्थी,इन्वेस्टर,इनोवेटर आदि को मिलकर विश्व शांति,न्याय तथा टिकाऊ विकास के लिए सामूहिक प्रयास करना चाहिए।अवसर पर पूरे ओडिशा समेत भारत की अनेक विभूतियां उपस्थित थीं।आयोजन यादगार रहा।आभारप्रदर्शन कीट स्कूल आफ कमर्स तथा डब्लूएलए के कार्यकारिणी सदस्य प्रोफेसर जयंत कुमार परिडा ने किया।

अशोक पाण्डेय

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