“प्रोफेसर अच्युत सामंत श्रीकृष्ण तथा जगन्नाथ के बालरुप हैं।“-प्रोफेसर गणेशीलाल
“शिक्षा का अभिप्राय सतर्कता है,यूनिकनेस है,तुम और मैं की भावना को समाप्त करना है।“
भुवनेश्वरः18अप्रैलःअशोक पाण्डेयः
18 अप्रैल को कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत के स्मार्ट गांव कलराबंक में ओडिशा के मान्यवर राज्यपाल प्रोफेसर गणेशीलाल ने कीस की नई शाखा कलराबंक शाखा के निर्माण का शिलान्यास किया। अवसर पर संत बाबा रामनारायण दास,स्थानीय विधायक श्री चन्द्रसारथि बेहरा,जिलाधीश श्री भवानी शंकर,प्रोफेसर अच्युत सामंत,श्री अन्तर्यामी सामंत,डा इतिरानी सामंत आदि मंचासीन थे। अपने संबोधन में राज्याल ने कीस कलराबंक शाखा उत्कृष्ट शिक्षा के माध्यम से भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी,ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायकजी के सपनों को साकार करेगा। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर अच्युत सामंत से वे श्रद्धा रखते हैं क्योंकि प्रोफेसर सामंत भगवान भगवान श्रीकृष्ण तथा जगन्नाथ के बालरुप हैं। कीस कलराबंक शाखा आत्मनिर्भर भारत,स्वच्छ भारत,संपन्न भारत, आतंकमुक्त भारत तथा स्वर्णिम भारत के सपनों को साकार करेगी।उन्होंने बताया कि एकबार अमरीका के राष्ट्रपति क्लींटन राजस्थान के एक गांव में आये। वे जब जाने लगे तो गांव की सरपंच बेटी से कहा कि आपके पास ग्रीनकार्ड है आप कभी भी अमरीका आ सकती हैं ,मैं आपको आर्थिक सहायता दूंगा लेकिन युवती सरपंच ने क्लींटन से कहा कि अगर अनरीका को किसी प्रकार की सहायता की जरुरत पडेगी तो राजस्थान का वही गांव सहयोग करेगा। क्लींटन स्तब्ध रह गये।राज्यपाल ने शिक्षा का अभिप्राय सतर्कता तथा यूनिकनेस बताया। तुम और मैं के भेद को मिटाना है। अपने स्वागत संबोधन में प्रोफेसर अच्युत सामंत ने कीस कलराबंक की भावी योजनाओं की जानकारी देते हुए मान्यवर राज्यपाल तथा सभी मेहमानों के प्रति आभार जताया।
अशोक पाण्डेय