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ओडिशा की द्रौपदी मुर्मू के भारत की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने पर कीस के कुल तीस हजार आदिवासी बच्चों में छाई खुशी की लहर

कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा
कंधमाल लोकसभा सांसद महान शिक्षाविद
प्रोफेसर अच्युत सामंत ने बांटे तीस हजार लड्डू

भुवनेश्वरः25जुलाईःअशोक पाण्डेयः
भुवनेश्वर स्थित विश्व के सबसे बडे आदिवासी आवासीय विद्यालय कीस में 25जुलाई को आदिवासी गीत-संगीत और नृत्य की धूम दीखी। एक तरफ जहां ओडिशा की द्रौपदी मुर्मू भारत की राजधानी नई दिल्ली में भारत की 15वीं महामहिम राष्ट्रपति पद की शपथ ले रहीं थीं वहीं कीस के कुल तीस हजार आदिवासी बच्चों में उल्लास,खुशी और आनन्द था। कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद महान शिक्षाविद प्रोफेसर अच्युत सामंत ने खुशी में कीस के तीस हजार आदिवासी बच्चों में तीस हजार लड्डू बांटे। गौरतलब है कि भारत की 15वीं महामहिम बनीं द्रौपदी मुर्मू के दामाद गणेश चन्द्र मुर्मू कीस के छात्र रहे हैं जबकि इनके का बेटा 2003 से 2006 तक कीट में पढाई किया था। भारत की आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोसल साइंसेज,कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के लिए महामहिम बनीं द्रौपदी मुर्मू के सपनों (शिक्षा तथा सेवा को) को साकार करने का वर्ष है।महान शिक्षाविद प्रोफेसर अच्युत सामंत ने बताया कि कीस की स्थापना(1992-93 से) ओडिशा के लौहपुरुष स्व. बीजू पटनायक तथा ओडिशा के वर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सपनों (उत्कृष्ट शिक्षा के माध्यम से आदिवासी बच्चों को शिक्षित कर उन्हें स्वावलंबी बनाने) में लगा है।अब भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं ओडिशा की द्रौपदी मुर्मू के भी सपनों (शिक्षा और सेवा) को भी साकार कर रहा है। प्रोफेसर सामंत ने बताया कि कीस भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को भी(आत्मनिर्भर कीस बनकर) साकार कर रहा है।
अशोक पाण्डेय

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