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कीस के माध्यम से शिक्षा-सेवा तथा आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत

प्रस्तुतिःअशोक पाण्डेय,राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त
भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के शिक्षा सह सेवा तथा माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को कीस के माध्यम से पिछले लगभग 28वर्षों से साकार कर रहे हैं कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत। गौरतलब है कि कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता प्रोफेसर अच्युत सामंत हैं जो सम्प्रति आदिवासी बाहुल्य कंधमाल लोकसभा के सांसद भी हैं। उनका यह मानना है कि भारत हमारा देश ही नहीं अपितु प्रत्येक भारतीय की आत्मा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अमर संदेश था भारत को रामराज्य बनायें।भारत की आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का संकल्प और नारा है आत्मनिर्भर भारत बनाने का जिसे साकार कर रहे हैं प्रोफेसर अच्युत सामंत। उनके अनुसार 21वीं सदी भारत की सदी है,भारतीय युवाओं की सदी है,समाज के वंचित आदिवासी समुदाय के सर्वांगीण विकास की सदी है जिसमें प्रत्येक भारतवासी का यह दायित्व बनता है कि वह स्वयं आत्मनिर्भर बने,अपने परिवार और गांव को आत्मनिर्भर बनाये। अपने प्रदेश तथा भारत राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाये। देश में महिला सशक्तिकरण हो बढावा देने में सहयोग करे। आदिवासी सशक्तिकरण में सबयोग करे।बालप्रतिभा के सतत विकास में सहयोग करे। देश के युवाओं में कौशल विकास में सहयोग करे। प्रोफेसर सामंत के अनुसार हमसभी को भारतीय संस्कृति तथा संस्कार को बचाना होगा।वसुधैव कुटुंबकम को साकार करना होगा। जिस भारत के लोग अपनी मातृभूमि को अहम् मातृभूमि मानता है। जो भारत देश धरती को मां का दर्जा देता है वह दुनिया को आपसी प्रेम,शांत,सहयोग और सौहार्द का संदेश देता है उसे सबसे पहले आत्मनिर्भर बनना होगा और यह काम उत्कृष्ट शिक्षा के माभ्यम से ही संभव है जो प्रोफेसर अच्युत सामंत भुवनेश्वर स्थित विश्व के सबसे बडे आदिवासी आवासीय विद्यालय,कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोसल साइंसेज के माध्यम से 1992-93 से कर रहे हैं।उनका यह मानना है कि भारत के प्रत्येक नागरिक के पास अपना संसाधन है,साम्यर्थ है और इच्छाशक्ति भी। उन्होंने बताया कि उनके पास 1992-93 में मात्र पांच हजार रुपये थे जिससे वे भुवनेश्वर में एक किराये के मकान में कीट-कीस को आरंभ किया और आज कीट-कीस दो डीम्ड विश्वविद्यालय बन चुके हैं। कीट(तकनीकी डीम्ड विश्वविद्यालय) अगर कारपोरेट है तो कीस ,विश्व का प्रथम तथा सबसे बडा आदिवासी आवासीय डीम्ड विश्वविद्यालय उसकी सामाजिक जिम्मेदारी। प्रोफेसर सामंत का यह मानना है कि उनके जैसा एक अनाथ बालक जब कीस के माध्यम से भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के शिक्षा सह सेवा तथा माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को ओडिशा के लौहपुरुष स्व.बीजू पटनायक,ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक से सपनों को साकार कर रहा है तो आप सभी तो समर्थ हैं,आपभी देश को आत्मनिर्भर बनाने तथा शिक्षा को जीवनोपयोगी बनाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने में आगे आएं। अगर आप ठान लेंगे तो यह संभव है।कहते हैं कि जहां चाह,वहां राह।आज हमें अपनी पूरी क्षमता के इस्तेमाल की जरुरत है।जैसाकि प्रोफेसर अच्युत सामंत ने अपने गांव कलराबंक को एशिया का स्मार्ट गांव बना दिया है। कीस को सच्चे मानव गढने का कारखाना बना दिया है। कीस को भारत का दूसरा शांतिनिकेतन बना दिया है। तो आपभी आगे आयें और शिक्षा,सेवा तथा आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में पूर्ण सहयोग दें।
अशोक पाण्डेय

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