प्राणप्रतिष्ठाता ने इसे श्रीजगन्नाथ का आशीर्वाद तथा
अपने त्याग का वास्तविक प्रतिफल बताया
भुवनेश्वरः9सितंबरःअशोक पाण्डेयः
9सितंबर को कीट-कीस की ओर से आयोजित एक पत्रकार गेटटूगेदर को संबोधित करते हुए कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद महान शिक्षाविद् प्रोफेसर अच्युत सामंत ने यह जानकारी दी कि उनके द्वारा 1992-93 में स्थापित कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोसलसाइंसेज,कीस को हाल ही में यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार-2022 मिला है जो भारत का पांचवां(दो सरकारी तथा दो निजी संस्थानों को) तथा कीस के पहला इंटरनेशनल प्राइज है जो कीस के मल्टीलिंग्वल लैब के चलते तथा प्राणप्रतिष्ठाता के त्याग,कठोर परिश्रम तथा श्रीजगन्नाथ के आशीर्वाद का प्रतिफल है।गौरतलब है कि कोरिया गणराज की ओर से मातृभाषा के प्रोमोशन हेतु यह अवार्ड प्रायोजित है। यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार-2022 में कीस को 20 हजार अमरीकी डालर,एक पदक और एक डिप्लोमा मिला है।प्रोफेसर सामंत ने यह भी बताया कि यह प्राइज न केवल कीस के लिए जो विश्व का सबसे बडा आदिवासी आवासीय डीम्ड विश्वविद्यालय है अपितु ओडिशा समेत पूरे भारत के लिए गौरव की बात है। इसक्रम में उन्होंने कीस की लगभग 28 साल की दुर्गम यात्रा का भी उल्लेख किया।पत्रकार सम्मेलन को कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीपक कुमार बेहरा तथा कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा पी के राउतराय ने भी संबोधित किया।
अशोक पाण्डेय